खेत में 48 घंटे आशियाना बनाकर रहे...गांव लौट आए अब भी सता रहा बाढ़ का डर

https://youtu.be/SkCKCjO0hvg

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उत्तर प्रदेश में बाढ़: उत्तर प्रदेश में हाल ही में आई बाढ़ ने कई गांवों को तबाह कर दिया है, सैकड़ों घर और फसलें नष्ट हो गईं। पानी घटने के बावजूद, कई ग्रामीण अभी भी एक और बाढ़ के डर से भयभीत हैं।

बाढ़ के बाद ग्रामीण घर लौट आए, लेकिन एक और बाढ़ का डर बना हुआ है

एक खेत में अस्थायी आश्रय में 48 घंटे बिताने के बाद खागी नगला गांव के 15 परिवार अपने घर लौट आए हैं। हालांकि बाढ़ का पानी कम हो गया है, लेकिन ग्रामीण अभी भी दूसरी बाढ़ से भयभीत हैं। प्रशासन ने कोई राहत सामग्री उपलब्ध नहीं कराई है और ग्रामीण बाढ़ के बाद निपटने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

विनाश और हानि

खागी नगला गांव में 20 घर नष्ट हो गए, जिससे 50 लोग बेघर हो गए।

बाढ़ से पांच लाख रुपये की फसल बर्बाद हो गयी

बाढ़ में 10 पशुधन की मौत हो गई।

गाँव का एकमात्र स्कूल क्षतिग्रस्त हो गया, जिससे 200 बच्चों को पढ़ने के लिए जगह नहीं मिली।

https://youtu.be/SkCKCjO0hvg

प्रतिक्रियाएँ:

खागी नगला की निवासी द्रोपा देवी ने कहा, "हमें खेत में 48 घंटे बिताने पड़े और यह एक बुरा सपना था। हमें जंगली जानवरों और सांपों के प्रति लगातार सतर्क रहना पड़ा।"

बाढ़ में अपनी फसलें और पशुधन खोने वाले गांव के एक अन्य निवासी सुरेश सिंह ने कहा, "हमें अभी भी एक और बाढ़ का डर है। अगर पानी वापस लौटा, तो हमें फिर से भागना होगा।"

बाढ़ में अपना घर और सामान खोने वाले ग्रामीण रमेश कुमार ने कहा, "प्रशासन ने कोई मदद नहीं दी है। हम जीवित रहने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।"

प्रशासन ने प्रभावित ग्रामीणों को राहत सामग्री उपलब्ध कराने का वादा किया है

क्षति का आकलन करने और सहायता प्रदान करने के लिए अधिकारियों की एक टीम भेजी गई है।

ग्रामीण अभी भी सहायता पहुंचने का इंतजार कर रहे हैं।

नोट: यह लेख उन ग्रामीणों का प्रत्यक्ष विवरण है जो बाढ़ से प्रभावित हुए थे और अब इसके परिणामों से निपटने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

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