नशीली दवाओं के कारण बढ़ रहे हैं संक्रमण के मामले,रिपोर्ट्स के मुताबिक, एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी सेंटर के डेटा के मुताबिक मई 2024 तक त्रिपुरा में एचआईवी संक्रमण के एक्टिव मामलों की संख्या 8,729 है
by: Vaishali Yadav
Tripura Students HIV News: त्रिपुरा से दिल दहला देने वाली खबर आ रही है कि राज्य में 828 स्टूडेंट्स में एचआईवी होने का पता चला है. इनमें से 47 छात्रों की मौत हो चुकी है. सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि एचआईवी से पीड़ित कई छात्र देश के अलग-अलग राज्यों की यूनिवर्सिटी या बड़े कॉलेजों में एडमिशन लेकर पढ़ाई कर रहे हैं.
त्रिपुरा राज्य एड्स नियंत्रण सोसायटी -टीएसएसीएस के आंकडों के अनुसार, राज्य में 828 छात्रों में एचआईवी संक्रमण की पुष्टि हुई है. एड्स कंट्रोल सोसायटी ने 828 छात्रों को एचआईवी संक्रमण के लिए रजिस्टर्ड किया है. इनमें से 47 छात्रों की मौत हो चुकी है. टीएसएसीएस ने राज्य के 220 स्कूल, 24 कॉलेज और यूनिवर्सिटी के ऐसे छात्रों की पहचान की है जो नशे के लिए इंजेक्शनों का इस्तेमाल करते हैं।
त्रिपुरा पत्रकार यूनियन, वेब मीडिया फोरम और टीएसएसीएस द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित एक वर्कशॉप को संबोधित करते हुए टीएसएसीएस के संयुक्त निदेशक ने ये आंकड़े प्रस्तुत किए. उन्होंने कहा कि 220 स्कूल और 24 कॉलेज तथा विश्वविद्यालयों की पहचान की गई है जहां छात्र नशीली दवाओं के आदी पाए गए हैं।
टीएसएसीएस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मई 2024 तक, हमने एआरटी- एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी केंद्रों में 8,729 लोगों को रजिस्टर्ड किया है. इनमें एचआईवी से पीड़ित लोगों की कुल संख्या 5,674 है और इनमें भी 4,570 पुरुष, 1103 महिलाएं और केवल एक मरीज ट्रांसजेंडर है।
एचआईवी मामलों में वृद्धि के लिए नशीली दवाओं के दुरुपयोग को जिम्मेदार ठहराते हुए टीएसएसीएस का कहा है कि ज्यादातर मामलों में संपन्न परिवारों के बच्चे एचआईवी से संक्रमित पाए गए हैं. ऐसे परिवार भी हैं जहां माता-पिता दोनों सरकारी नौकरी में हैं।
अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट्स और विशेषज्ञों की सलाह के अनुसार, नशीली दवाओं के सेवन के कारण भारत में HIV/एड्स संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। विशेष रूप से त्रिपुरा में मई 2024 तक एचआईवी संक्रमण के एक्टिव मामलों की संख्या दर्ज की गई है जो 8,729 है।
एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी सेंटर के डेटा के मुताबिक, नशीली दवाओं के अधिक सेवन के कारण युवा पीढ़ी में एचआईवी संक्रमण के मामले विशेष रूप से बढ़ रहे हैं। इस त्रासदी के मुख्य कारणों में से एक नशीली दवाओं का अधिक सेवन, अव्यवस्थित यौन आचरण, और जागरूकता की कमी शामिल हैं।
त्रिपुरा में स्थानीय सरकार ने इस मुद्दे पर गंभीरता से ध्यान देने का आदेश दिया है और सार्वजनिक जागरूकता अभियान चलाने की योजना बनाई है। सरकारी तहत एचआईवी और एड्स संक्रमण के विरुद्ध लड़ाई में सशक्त कदम उठाने के लिए भी कई योजनाएं चलाई जा रही हैं।
डॉक्टर्स और स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि नशीली दवाओं के सेवन को नियंत्रित करना, स्वस्थ जीवनशैली अपनाना और यौन स्वास्थ्य के मुद्दों पर समय-समय पर जागरूकता बढ़ाना महत्वपूर्ण है। इससे न केवल एचआईवी संक्रमण के मामलों में कमी आ सकती है, बल्कि सामाजिक सद्भावना और स्वस्थ भविष्य की दिशा में भी सकारात्मक परिवर्तन लाया जा सकता है।
इस विशेष चरण में, हमें सभी मिलकर इस त्रासदी के खिलाफ जुटना और साथ में इसे रोकने के प्रयास करना चाहिए। नशीली दवाओं के अवशोषण से होने वाले नुकसान को समझकर हमें सावधानी बरतनी चाहिए और साथ ही स्वस्थ जीवन शैली को अपनाने के लिए प्रेरित करना चाहिए।
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